कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दुराना में मनाया 139वां स्थापना दिवस

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बराडा,(जयबीर राणा थंबड)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के उपलक्ष पर मुलाना हल्के के गांव दुराना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें मुलाना विधायक वरुण चौधरी ने शिरकत कर उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी।
विधायक ने कांग्रेस पार्टी के इतिहास पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को मुंबई में हुई थी। श्री डब्ल्यू.सी.बनर्जी कांग्रेस के पहले अध्यक्ष बने। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में देश में सामाजिक सद्भाव का नया वातावरण तैयार करने पर जोर दिया। कांग्रेस एक दल ही नहीं बल्कि एक विचार और आंदोलन का नाम है, इसलिए 1381 साल बाद भी इस विचार की यात्रा अनवरत् जारी है।
विधायक ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के उन प्रमुख राजनैतिक दलों में अग्रगण्य है, जिसकी एक अखिल भारतीय पहचान और सियासी साख है। यह जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा, लिंग, वर्ग आदि की सियासत नहीं करती, बल्कि गरीब आदमी के लिए रोटी, कपड़ा और मकान; शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सम्मान की बात हमेशा से ही करती आई है। यह सामाजिक भाईचारा और साम्प्रदायिक सद्भाव की प्रबल पक्षधर मध्यम मार्गी पार्टी है, जो दक्षिणपंथी और वामपंथी विचारधारा से इतर हिंसा-प्रतिहिंसा मुक्त भारत की सोच रखती है।इस पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या, बलिदान, समर्पण और शहादत का एक लंबा इतिहास रहा है, जिससे न केवल देश को आजादी मिली, बल्कि लोकतांत्रिक जनचेतना भी मजबूत हुई। यह दिन हम सभी कांग्रेसियों के लिए खास है, क्योंकि इस दिन हम लोग अपने धवल अतीत से प्रेरणा लेकर समुज्ज्वल भविष्य के खातिर एक बार पुनरावलोकन अवश्य करते हैं।
विधायक ने कहा कि आज हम लोग जिस आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, उसकी नींव भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्र की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जमाने में ही रखी जा चुकी है। पहले भारत में बहुत चीजों की किल्लत थी, जिसे कांग्रेसी नेताओं ने अपनी सूझबूझ से दूर की। कांग्रेस पार्टी की अग्रगामी नीतियों के फलस्वरूप ही आधुनिक भारत में औद्योगिक क्रांति से लेकर हरित क्रांति तक संभव हुई, जिसके माध्यम से अनवरत वस्तु उत्पादन और अन्न उपभोग में जो आत्मनिर्भरता मिली, उससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। इसी दौर में भारत एक परमाणु ऊर्जा शक्ति संपन्न देश की कतार में खड़ा हुआ।
देश के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिस सूचना क्रांति की नींव रखी, उसका चमत्कार अब सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है।उन्होंने ही पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करके समाज के अंतिम व्यक्ति का जनकल्याण सुनिश्चित किया। उनके युवा सपनों की नींव पर ही आज का भारत फलफूल रहा है और प्रगति के पथ पर निरंतर मजबूती से दौड़ रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी कुशल नीतियों से देश-दुनिया में भारत के मस्तक को ऊंचा किया और इसकी अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी। यह कौन नहीं जानता है कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद और नक्सलवाद का डटकर मुकाबला किया। जिसके बाद हमारे नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी शहादत तक देनी पड़ी। मां-बेटे के इस बलिदान को न तो यह देश भुला सकता है और न ही कोई कांग्रेसी।
विधायक ने कहा कि कांग्रेस का धवल इतिहास इस बात की साक्षी है कि कांग्रेस ने देशद्रोही ताकतों के समक्ष कभी घुटने नहीं टेके और देश हित में अपने अनेक नेताओं को गंवा दिए। कुछ आजादी के संघर्ष में और कुछ आजादी के बाद देश में सुशासन स्थापित करने के फेर में। एक बात और, धर्मनिरपेक्षता के प्रबल पैरोकार महात्मा गांधी की शहादत इस बात का परिचायक है कि सामाजिक भाईचारा और साम्प्रदायिक सद्भाव की हिफाजत के लिए कांग्रेस नेताओं ने गुलाम भारत ही नहीं, बल्कि आजाद भारत में भी उल्लेखनीय कुर्बानियां दी है।